अंगार कहीं ना कहीं, छुपे होंगे, सोचकर कुछ हम रुके होंगे, इनको जलाए रखना, मौके मिलेंगे, कुछ को होगी खुशी हमसे, कुछ को सिर्फ गिले होंगे,© अंगार कहीं ना कहीं, छुपे होंगे, सोचकर कुछ हम रुके होंगे|✍️✍️🔥