મારું ગામડું गांव की पगडंडियों पर बैठ कितने गीत ग़ज़ल लिख डाले थे , बापू दादा ताऊ फूफा हर किसी के चाहने वाले थे , फिर कुछ मजबूरियां आन पड़ी हमें शहर के ओर जाना पड़ा , पोखर ताल खेत और बाग जाने क्या क्या हमें गंवाना पड़ा instagram id @shyariz_dil_se ©काम भक्त कवि [आशीष मिश्रा] आज गांव याद आ रहा है #गाँव #खेत #खलिहान #village