शायर मैं शायरी का दरबार लगाकर आया हूं आशिक हूं घर बार लुटाकर आया हूं शायर मैं चादर में पैर फंसाकर आया हूं आशिक हूं बेवफा से दिल लगा कर आया हूं शायर मैं हर बात दबाकर आया हूं आशिक हूं रात हसीन बनाकर आया हूं शायर मैं शोर मचाकर आया हूं आशिक हूं मिन्नत को मन्नत समझकर आया हूं शायर मैं दिल पे पत्थर रखकर आया हूं आशिक हूं खुद पे दाव लगाकर आया हूं शायर मैं रंगों से रंगदारी करके आया हूं आशिक हूं रंग में भंग डालके आया हूं शायर मैं बारिश का लुफ्त उठाकर आया हूं आशिक हूं होंठों से होंठ मिलाकर आया हूं #शायरी #आशिकी #नोजोतो😍💓💓🤐