नजर दर्शन की जरूरत होती है, मुकता में इशारों से बात करने की फितरत संजोती है। कभी इंतज़ार का बोझ ढोती है, तो कभी गीली हो गम को डुबोती है। तभी तो सभी के लिए अभिव्यक्ति का नायाब हीरा होती है। #नजर#najar#topazian quotes#topaz abhijeet