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निश्छल मन चंचल तन, अपनो का प्यार हर कोई स्वीकार, ब

निश्छल मन चंचल तन,
अपनो का प्यार हर कोई स्वीकार,
बचपन में हर किसी का सहारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।

न किसी का काम करना था,
न किसी से झगड़ना था,
हर कोई हमारे लिए अपना था,
न पहले कोई सपना था,
बचपन में हर कोई सबका राज दुलारा था,
वो बचपन भी बड़ा प्यारा था।।

न पढाई का कोई बोझ था,
न हममें कोई दोष था,
हम एक साथ खेला करते थे,
थोड़ा सा झगड़ना फिर साथ खेलने लगते थे,
हर कोई दोस्त सबसे अच्छा न्यारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।।।

भेदभाव की दीवार नहीं,
ईर्ष्या दोष स्वीकार नहीं,
अपनो का प्यार बहुत मिलता था,
हर कोई अपने मा बाप का चहेता था,
ये बचपन भी बड़ा आवारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।।। bachpan
निश्छल मन चंचल तन,
अपनो का प्यार हर कोई स्वीकार,
बचपन में हर किसी का सहारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।

न किसी का काम करना था,
न किसी से झगड़ना था,
हर कोई हमारे लिए अपना था,
न पहले कोई सपना था,
बचपन में हर कोई सबका राज दुलारा था,
वो बचपन भी बड़ा प्यारा था।।

न पढाई का कोई बोझ था,
न हममें कोई दोष था,
हम एक साथ खेला करते थे,
थोड़ा सा झगड़ना फिर साथ खेलने लगते थे,
हर कोई दोस्त सबसे अच्छा न्यारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।।।

भेदभाव की दीवार नहीं,
ईर्ष्या दोष स्वीकार नहीं,
अपनो का प्यार बहुत मिलता था,
हर कोई अपने मा बाप का चहेता था,
ये बचपन भी बड़ा आवारा था,
वो मासूम बचपन भी बड़ा प्यारा था।।। bachpan
raulimishra1562

RauliMishra

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