जिनके तन तनय बने जीवन, जिन तरु की हम पर छाया है । जिन वरद हस्त आशीष धरें, जननी की असीमित काया है ।। भव भावन दर्पण छवि छजे, सारांश काव्यरस तरते हैं । शब्दाक्षर जिन बह धार भजे, वृन्दार्ष समर्पण करते हैं ।। मेरी माँ, मेरी जननी,मेरी प्रीत,मेरा अनुराग, मेरा स्नेह,मेरा विश्वास और मेरा सौभाग । हृदयंग पल्लवन ममता का, विषमता में शिखर सुगमता का ।। माँ के जन्मदिवस पर कुछ पंक्तिया.. #yqdidi #yqbaba #14april #3jan #yqmotherslove #dedicated #vrindasays #alokstates