क्यों क्यों दूसरों को खुशी देते देते अपनी खुशी खो दी मैंने क्यों दूसरों की रिश्ते को संवारते संवारते खुद के रिश्ते खो दिया मैंने अब एक पत्थर-सी इंसान बनकर रह गई हूँ जिसे न हंसना आता है और ना ही मुस्कुराना क्यों दूसरों की खुशी के लिए अपनी नींदे खराब की मैंने क्यों हम उन्हें अपना मानते गए और वह हमें पराया करते गए जिनके लिए कल तक हम अपने थे आज उन्हीं के लिए अनजान हो गए क्यों आज हम एक पत्थर दिल इंसान हो गए - nandini #kyon