ज़िंदगी को हर रोज फिक्र - ओ - गम का पहरा मारता है । जो यारों से छिपाया था ,राज वो गहरा मारता है । बस एक हम हैं ,जो पूरे के पूरे तुम पर मरते है । किसी को तेरी आंखें ,किसी को चेहरा मारता है । ajeem khan