अटल इरादे और मजबूत वादे, राजनीति में एक अजातशत्रु थे। हृदय से कवि औ पुरोधा बुद्धि के गठबंधन के वे गणमान्य तंत्र थे। जिनके तर्क को काट न सके कोई गैर कांग्रेसी राजनीति के नट थे। बड़े-बड़े शूरमा भी किये धराशायी संसद में एेसे वे अकेले वाग्भट थे। जनसंघ-जल में उगाया जो कमल भाजपा की बेल के प्रथम फल थे। #अटलबिहारीवाजपेयी (25 दिसम्बर 1924 - 16 अगस्त 2018) #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi