चाहे कोई लाख दिल,जान बिछाएं कदमों में मेरे, मगर तेरा मुझसे हैं जो नाता , वो न कभी छुटेगा, हां तुम बेसक निभाओ अपनें रस्मों -रिवाज सारे, बस तेरे बाद मेरे जिस्मों जां को कोई न छू सकेगा, ©Ravi Nayak bhatneri tere siva