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"आज मैं 12 महीनों के बारे में कविता लिख रही हूं"

"आज मैं 12 महीनों के बारे में 
कविता लिख रही हूं"


कोहरा छाया ओस पड़ी,जाड़े से जनवरी भरी
 दिन छोटे हैं, रात बड़ी फूलों से फरवरी  जड़ी 
तेज हुआ सूरज का टॉर्च, देखो आ गया है मार्च 
गांव गली तपती खपरैल,गर्मी ले आई अप्रैल 
गर्मी धूल पसीना से, मारे मई महीना रे 
कितने बड़े लू के नाखून ,जान बचाओ आया  जून कितनी बड़ी जुलाई है,वर्षा लेकर आई है 
  मयूरा होकर नाचे मस्त,कितना प्यारा लगे अगस्त इंद्रधनुष है अंबर से, फूले कास सितंबर में
 पेड़ों ने पत्ते झाड़े,अक्टूबर के पिछवाड़े
 हंसने लगे नवंबर,जो कांपने लगे बंदर जी 
करो पढ़ाई बातें कम, लगा दिसंबर साल
 खत्म............

©Gopika Somani #alone aaj meri Kavita ka title hai 12 mahine poem
"आज मैं 12 महीनों के बारे में 
कविता लिख रही हूं"


कोहरा छाया ओस पड़ी,जाड़े से जनवरी भरी
 दिन छोटे हैं, रात बड़ी फूलों से फरवरी  जड़ी 
तेज हुआ सूरज का टॉर्च, देखो आ गया है मार्च 
गांव गली तपती खपरैल,गर्मी ले आई अप्रैल 
गर्मी धूल पसीना से, मारे मई महीना रे 
कितने बड़े लू के नाखून ,जान बचाओ आया  जून कितनी बड़ी जुलाई है,वर्षा लेकर आई है 
  मयूरा होकर नाचे मस्त,कितना प्यारा लगे अगस्त इंद्रधनुष है अंबर से, फूले कास सितंबर में
 पेड़ों ने पत्ते झाड़े,अक्टूबर के पिछवाड़े
 हंसने लगे नवंबर,जो कांपने लगे बंदर जी 
करो पढ़ाई बातें कम, लगा दिसंबर साल
 खत्म............

©Gopika Somani #alone aaj meri Kavita ka title hai 12 mahine poem