एक अजनबी चेहरे से बेहद निस्बत हो गयी.. लगता है हमें फिर से मोहब्बत हो गयी.. उनकी हमारी मुलाक़ातें हमेशा टल जाती है.. नाजाने इतनी बुरी क्यों हमारी किस्मत हो गयी.. वो जो हमसे हँस कर बात कर लेते है न.. उनकी हँसी दिल के लिए इक मुसीबत हो गयी.. टूट कर बिखरे पड़े है हिस्से पिछली उल्फ़त के.. और देखो हमसे फिर से वही हरकत हो गयी.. बस अब उनकी रज़ामंदी हो हाल-ए-दिल जानकर.... साँसों से भी ज़्यादा हमें उनकी ज़रूरत हो गयी.. phir mohabbat #Nojotohindi #hindipoetry #dillagi #ashiqui #mohabbat