बेहतर की उम्मीद में.... हम जिए जा रहे हैं ज़हर ज़िंदगी के.... पीए जा रहे हैं इस रात की, होगी इक दिन सुबह.... यही आस हम, किए जा रहे हैं धीरे ही सही.... हम आगे बढ़े जा रहे हैं ♥️ Challenge-549 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।