अँकाई मैं शून्यमात्र, पर काम बड़े कर जाती हूँ अंगुष्ठिका हूँ !. शक की, किंवदंती कहलाती हूँ, अवर्णनीय बातों को !... बड़ा हथियार बनाती हूँ अकस्मात, कारणरहित ही झगड़ा करातीं हूँ, शक्ति समाई ऐसी सोच अपंग कर जाती हूँ, निराकार हूँ,अकारण जंग को आकार देती हूँ, तुच्छ औकात है, पर बात का पहाड़ बनाती हूँ, स्पर्श मात्र तुममें समा,सोच से वो करवाती हूँ, छोटा सा कद है मेरा, पर पहाड़ बन जाती हूँ, अफवाह हूं मैं!..हल्के से झोंके से उड़ती जाती हूँ। Do collab with this background 💙💙.. Hope u liked it..💜💜 But don't forget to mention💟 #wallpapercollection . ♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍🤍... #template #background #wallpaper #collab #trending