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कश्ती किनारे लगेगी जब तुम्हारी यादें कुछ कम होगी त

कश्ती किनारे लगेगी जब तुम्हारी यादें कुछ कम होगी तब तक 
साहिल पर खड़े हो कर इंतजार करती हो तुम मेरा तब तक

बहुत कोशिश किया था नाराजगी में मैंने तुमको मनाने के लिए 
मगर बात कुछ समझ ना सकी तुम मेरा जाने क्यूँ अब तक

अब बहुत दूर निकल चुका हूँ मैं तुम्हारी परछाई के साये से भी
अगर तुम्हारे प्यार में जान होगी तो जरूर लौट आऊंगा मैं तब तक 

जबसे दूरी तुम से बढ़ी हैं जाने क्यूँ अब कुछ अच्छा नहीं लगता 
आरिफ अगर कोई खत तुम्हारा आता तो वापस आ गया होता अब तक ।।



 #NojotoQuote कश्ती किनारे लगेगी जब तुम्हारी यादें कुछ कम होगी तब तक 
साहिल पर खड़े हो कर इंतजार करती हो तुम मेरा तब तक

बहुत कोशिश किया था नाराजगी में मैंने तुमको मनाने के लिए 
मगर बात कुछ समझ ना सकी तुम मेरा जाने क्यूँ अब तक

अब बहुत दूर निकल चुका हूँ मैं तुम्हारी परछाई के साये से भी
अगर तुम्हारे प्यार में जान होगी तो जरूर लौट आऊंगा मैं तब तक
कश्ती किनारे लगेगी जब तुम्हारी यादें कुछ कम होगी तब तक 
साहिल पर खड़े हो कर इंतजार करती हो तुम मेरा तब तक

बहुत कोशिश किया था नाराजगी में मैंने तुमको मनाने के लिए 
मगर बात कुछ समझ ना सकी तुम मेरा जाने क्यूँ अब तक

अब बहुत दूर निकल चुका हूँ मैं तुम्हारी परछाई के साये से भी
अगर तुम्हारे प्यार में जान होगी तो जरूर लौट आऊंगा मैं तब तक 

जबसे दूरी तुम से बढ़ी हैं जाने क्यूँ अब कुछ अच्छा नहीं लगता 
आरिफ अगर कोई खत तुम्हारा आता तो वापस आ गया होता अब तक ।।



 #NojotoQuote कश्ती किनारे लगेगी जब तुम्हारी यादें कुछ कम होगी तब तक 
साहिल पर खड़े हो कर इंतजार करती हो तुम मेरा तब तक

बहुत कोशिश किया था नाराजगी में मैंने तुमको मनाने के लिए 
मगर बात कुछ समझ ना सकी तुम मेरा जाने क्यूँ अब तक

अब बहुत दूर निकल चुका हूँ मैं तुम्हारी परछाई के साये से भी
अगर तुम्हारे प्यार में जान होगी तो जरूर लौट आऊंगा मैं तब तक