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ये स्नेह नही तो और क्या है कि मैं कहीं जा नही पाता

ये स्नेह नही तो
और क्या है कि
मैं कहीं जा नही पाता
पुनः पुनः वहीं
प्रतिवर्तन वहीं प्रत्यावर्तन
और वही प्रतीक्षा
वही अपना अपना हठ
वही प्रवंचन की शंकाएं 
वही निषेध और वही दुर्गम
पथ की कटु कल्पनाएं
चलो हम एक समझौता करके
की जब भी हम निकलेंगे
 कभी एक दूसरे के साथ घूमने 
तो ज्यादा दूर तक नही जाएंगे
हम घर जल्दी लौट आएंगे
हम कभी राह से भटकेंगे नही
हम कभी देर नही करेंगे
चलो हम समझौता करले
की सूरज डूबने के बाद
दीपक जलाने के पहले ही लौट आएंगे कटु कल्पना

#nojotohindi#nojotolove#nojotodosti#nojoto#kalaksha#kavishala
ये स्नेह नही तो
और क्या है कि
मैं कहीं जा नही पाता
पुनः पुनः वहीं
प्रतिवर्तन वहीं प्रत्यावर्तन
और वही प्रतीक्षा
वही अपना अपना हठ
वही प्रवंचन की शंकाएं 
वही निषेध और वही दुर्गम
पथ की कटु कल्पनाएं
चलो हम एक समझौता करके
की जब भी हम निकलेंगे
 कभी एक दूसरे के साथ घूमने 
तो ज्यादा दूर तक नही जाएंगे
हम घर जल्दी लौट आएंगे
हम कभी राह से भटकेंगे नही
हम कभी देर नही करेंगे
चलो हम समझौता करले
की सूरज डूबने के बाद
दीपक जलाने के पहले ही लौट आएंगे कटु कल्पना

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