बेड़ियों में जकड़ी है रूह तेरी , कैसे तू आज़ाद हो , उस समाज मे जन्मी तू , जहा लेगो के मन में वासना का राज हो' तन तू ढक ले मगर , नीयत लोगो की कैसे साफ हो , बेड़ियों में जकड़ी है रूह तेरी, कैसे तू आज़ाद हो। जहां तेरे जन्म पर मातम का माहौल हो , जहां तेरी शिक्षा एक बड़ा सवाल हो , तूझसे ज्यादा दहेज का मोल हो , जहां लड़को से प्यार और तूझसे सौतेलो जैसा व्यवहार हो, बेड़ियों में जकड़ी है रूह तेरी, कैसे तू आज़ाद हो। #nojoto #hindi #poetry #girls #women #struggle