इन तीन-चार सालों में, लम्बे-लम्बे अंतरालों के पश्चात भी- मैंने उसकी ज़ुबान से कभी नहीं सुना- कि "मुझे तुमसे मिलना है"। निर्मल कुमार कम्बोज