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आगोश बंद थी कल रात,बस उसी की याद में आँखें, उठने

 आगोश 
बंद थी कल रात,बस उसी की याद में आँखें,
उठने के बाद भी, खुली, बहुत बाद में आँखें !
 आगोश 
बंद थी कल रात,बस उसी की याद में आँखें,
उठने के बाद भी, खुली, बहुत बाद में आँखें !
rajbhandari0407

Raj Bhandari

New Creator