गुमसुम हो क्यों इतना तो बताओ ना। मेरी ख़ातिर एक बार मान जाओ ना। क्या वज़ह है जो तुम इतना उदास हो। मेरी ख़ातिर एक बार तो मुस्कुराओ ना। ये बेखयाली अब और देखी नहीं जाती। बात क्या है आखिर हमसे छुपाओ ना। मन की बातों को मन में न रखना कभी। जो भी हक़ीक़त हो मुझसे कह जाओ ना। मासूम से चेहरे से, रौनक क्यूँ गायब हुई। मुस्कुराहट खोने की, वजह बताओ ना। देखो तुम मुझसे, अब कुछ भी ना छुपाना। लफ़्ज़ों में ना सही, इशारों में जताओ ना। ♥️ Challenge-698 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।