_ओम साईं राम_ _Bhaage Bhaage_ तुम अक्सर भागे चले आते हो अपने घर के आंगन को लांग कर ये चांद की चांदनी क्यों तुम्हें इतना मजबूर करती है भागने को, कि तुम सारे बंधन छोड़ कर चले जाते हो ।। Raj nishant06 _Bhagya Bhagya_