इसकी सहारा ना करनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश बार काउंसलिंग में ऐसे अधिवक्ताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है जो काले कोट की आड़ में गलत कार्य में जुड़े हुए हैं काउंसलिंग ऐसा करने में सफल होती है तो अधिवक्ता समुदाय ही नहीं पूरे समाज में अच्छे संदेश जाएंगे ऐसे अधिवक्ताओं की भी बड़ी संख्या है जो वकालत की डिग्री लेने के बाद काउंसलिंग में पंजीकरण करते हैं और फिर ठेकेदारी प्लाटिंग व अन्य कामों से जुड़ जाते हैं अपराधियों से सांठगांठ के मामले में भी सामने आते हैं ऐसे अधिवक्ता अराजकता की स्थिति उत्पन्न करते हैं और पूरे समुदाय की छवि धूमिल हो जाती कई साल पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने ऐसे अधिवक्ताओं के खिलाफ जांच की जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे तो उन्हें निकाले छुट्टे सामने आए जैसे जरूरी है कि जो कि बाहर काउंसलिंग ऐसे अधिवक्ताओं की पड़ताल करें जो गौर पूर्ण व्यवस्था को कलंकित करते हैं कानून की जानकारी रखते हुए कोई गलत आचरण करता है तो उसका अपराध और गंभीर माना जाना चाहिए उत्तर प्रदेश में साढे तीन लाख से अधिक पंजीकृत अधिवक्ता हाई कोर्ट से लेकर निचली अदालत तक विभिन्न व्यवसाय में संगठन है हाईकोर्ट में सक्रिय अधिवक्ता की पहचान के लिए एडवोकेटेड रोल की व्यवस्था लागू कर रखी है प्रोटेक्ट करने वाले सभी अधिवक्ताओं के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है ©Ek villain #शक्ति जरूर काउंसलिंग पर #youandme