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जिंदगी में जब मोहब्बत आती है तो चहुं ओर खुशियों



जिंदगी में जब मोहब्बत आती है तो चहुं ओर खुशियों की बहारें छाती हैं।
चैन-ओ-सुकून सब खो जाता है और बेकरारी बड़ा तड़पाने लगती है।

निगाहें वस्ल की चाह में दिन- रात ख्वाबों के साथ जागती रहती हैं।
हर घड़ी दुआओं में दीदार-ए-यार की दुआ ही शामिल होने लगती है।

डगमगाने लगती है प्रेम नैय्या जब विश्वास की नाव में छेद हो जाता है।
गलतफहमियां और शक की दीवारें उठती हैं जब विश्वास डगमगाता है।

प्रेम की कश्ती बीच समंदर डूबने लगती है जब रिश्तो में दरार आ जाती है।
मोहब्बत कभी लालच, कभी नफरत और कभी तिजारत का रूप ले लेती है।

तोड़ देते हैं रिश्ते जरा सी ठोकर से, उंगलियां एक दूजे पर उठाने लगते हैं।
रिश्तों की माला, आंसुओं के मोती बन बिखर जाती है सपने टूटने लगते हैं।

वक्त भी बेरहम हो जाता है, वफाओं की जगह बेवफाईयां लेने लगती हैं।
रूठ जाती है जब किस्मत, अंगूठी हाथों में रहती है मंगनी टूट जाती है।

बेपनाह मोहब्बत के बावजूद भी, मोहब्बत साजिशों की भेंट चढ़ जाती है।
बहारों के मौसम पतझड़ बन जाते हैं, प्रेम के पुष्प मुरझाने लग जाते हैं।

यकीन उठ जाता है मोहब्बत के नाम से, दुनियां बेगानी लगने लगती है।
मोहब्बत नाम के लिए ही रह जाती है जब वफाएं ही दम घोटने लगती हैं।
-"Ek Soch"
           #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #mangnitoot #angoothi


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जिंदगी में जब मोहब्बत आती है तो चहुं ओर खुशियों की बहारें छाती हैं।
चैन-ओ-सुकून सब खो जाता है और बेकरारी बड़ा तड़पाने लगती है।

निगाहें वस्ल की चाह में दिन- रात ख्वाबों के साथ जागती रहती हैं।
हर घड़ी दुआओं में दीदार-ए-यार की दुआ ही शामिल होने लगती है।

डगमगाने लगती है प्रेम नैय्या जब विश्वास की नाव में छेद हो जाता है।
गलतफहमियां और शक की दीवारें उठती हैं जब विश्वास डगमगाता है।

प्रेम की कश्ती बीच समंदर डूबने लगती है जब रिश्तो में दरार आ जाती है।
मोहब्बत कभी लालच, कभी नफरत और कभी तिजारत का रूप ले लेती है।

तोड़ देते हैं रिश्ते जरा सी ठोकर से, उंगलियां एक दूजे पर उठाने लगते हैं।
रिश्तों की माला, आंसुओं के मोती बन बिखर जाती है सपने टूटने लगते हैं।

वक्त भी बेरहम हो जाता है, वफाओं की जगह बेवफाईयां लेने लगती हैं।
रूठ जाती है जब किस्मत, अंगूठी हाथों में रहती है मंगनी टूट जाती है।

बेपनाह मोहब्बत के बावजूद भी, मोहब्बत साजिशों की भेंट चढ़ जाती है।
बहारों के मौसम पतझड़ बन जाते हैं, प्रेम के पुष्प मुरझाने लग जाते हैं।

यकीन उठ जाता है मोहब्बत के नाम से, दुनियां बेगानी लगने लगती है।
मोहब्बत नाम के लिए ही रह जाती है जब वफाएं ही दम घोटने लगती हैं।
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