#हे कृष्णा मैं भी तो तुम्हारा बालक हूं ना
फिर मुझे इतनी तकलीफ में क्यों रखते हो
अपने बालक पर जरा भी तरस नहीं आता अगर गलती से कभी थोड़ी सी खुशी देते हो
तो तमाम दुखों का पहाड़ भी लाद देते हो,
जो तुम्हारी बालक से नहीं उठाया जाता अब, अब बस एक ही विनती है
या फिर यह दुखों का पहाड़ उठा लो
या फिर मुझे उठा लो