ये मजदूर आंखे बड़ी मजबूर आंखे इशारों इशारो में करती है बाते जिम्मेदारी के सारे ये मंजर लिए । नुकीले रिवाज़ों के खंजर लिए अहसासों के समंदर में सहती बहुत है सलीखा है इनका ये कहती नही तन्हाई में मग़र ये बहती बहुत है ©Sarthak dev #lonely #eyes #life #nojohindi