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14 फरवरी 2017 वैलंटाइंस डे, प्रेमियों का दिन। ज़ोय

 14 फरवरी 2017 वैलंटाइंस डे, प्रेमियों का दिन।
ज़ोया गुस्से से लाल पीली हुई लवर्स पॉइंट पे नदी किनारे बैठी राहुल का इंतज़ार कर रही थी। आँखो में बैचैनी और गुस्से से नाक पे आई हल्की सी लाली, उसके चेहरे की खूबसूरती को कई गुणा बढ़ा रही थी, बार बार बालों का एक लट माथे से होता हुआ उसके गालों को चूम रहा था और खीजते हुए वो उसे कान की तरफ से घुमा कर बालों मे वापस फंसा देती थी।
 "समझता क्या है खुद को, आने दो बताती हूँ उसे" - वो खुद में बड़बड़ाती हुई बोली।

खुद से बातें करते करते वो यादों में खो गयी। कैसे बचपन में आठवीं क्लास में एक दिन पूजा राहुल के बगल मे बैठ गई थी तो अगले दिन पूजा के व्हाइट स्कूल ड्रेस पे किसी ने चोरी से इंक फेक दिया था और जब राहुल को ये पता चला ये सब किसी और ने नही बल्कि उसने किया है तो वो कितना नाराज़ हुआ था। राहुल के प्रति बचपन से इतना प्यार और अपनी नादानी को याद करते हुए उसके होंठो पे मुस्कान तैर गई...

वहीं शहर के दूसरे हिस्से में एक और प्रेम कहानी पनप रही थी।
 14 फरवरी 2017 वैलंटाइंस डे, प्रेमियों का दिन।
ज़ोया गुस्से से लाल पीली हुई लवर्स पॉइंट पे नदी किनारे बैठी राहुल का इंतज़ार कर रही थी। आँखो में बैचैनी और गुस्से से नाक पे आई हल्की सी लाली, उसके चेहरे की खूबसूरती को कई गुणा बढ़ा रही थी, बार बार बालों का एक लट माथे से होता हुआ उसके गालों को चूम रहा था और खीजते हुए वो उसे कान की तरफ से घुमा कर बालों मे वापस फंसा देती थी।
 "समझता क्या है खुद को, आने दो बताती हूँ उसे" - वो खुद में बड़बड़ाती हुई बोली।

खुद से बातें करते करते वो यादों में खो गयी। कैसे बचपन में आठवीं क्लास में एक दिन पूजा राहुल के बगल मे बैठ गई थी तो अगले दिन पूजा के व्हाइट स्कूल ड्रेस पे किसी ने चोरी से इंक फेक दिया था और जब राहुल को ये पता चला ये सब किसी और ने नही बल्कि उसने किया है तो वो कितना नाराज़ हुआ था। राहुल के प्रति बचपन से इतना प्यार और अपनी नादानी को याद करते हुए उसके होंठो पे मुस्कान तैर गई...

वहीं शहर के दूसरे हिस्से में एक और प्रेम कहानी पनप रही थी।