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झील कैसे कहूं इन्हें ये समंदर से गहरी है लाखों सित

झील कैसे कहूं इन्हें
ये समंदर से गहरी है
लाखों सितारों से बड़े 
सपने टूटते बनते देखे है
जनाब ये आंखें आसमा 
से बुहत बड़ी है
इतेफाक तो देखो मंजर का 
अब जज्बातों को पड़ रहीं है

©Official_Gagan_Deep_Singh_Phillaur
  #Myeyes .......