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रह रह कर तेरे ख्याल मेरे ज़हन से कुछ यूं आते जाते ह

रह रह कर तेरे ख्याल मेरे ज़हन से कुछ यूं आते जाते हैं,

के जैसे सर्दियों के मौसम में शाम का वक़्त हो,
 और बारिश की बूंदे कांच की खिड़की पर रुकने की कवायत में हो..

©Raj Singh Rana #बारिश_की_बूंदें
रह रह कर तेरे ख्याल मेरे ज़हन से कुछ यूं आते जाते हैं,

के जैसे सर्दियों के मौसम में शाम का वक़्त हो,
 और बारिश की बूंदे कांच की खिड़की पर रुकने की कवायत में हो..

©Raj Singh Rana #बारिश_की_बूंदें