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सत्य, डर मे वार्तालाप ≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈∞∞∞∞∞∞∞ सत्य =

सत्य, डर मे वार्तालाप
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सत्य =डर तुम हमेशा भागते क्यो रहते हो?
डर =क्यो कि मै झूठ बोलता हूँ हमेशा सब का अहित
करता हूँ
सत्य =अगर तुम बदल जाओ तो तुम्हे ऐसे भागना ना पड़े
शांत हो जाओ
डर =जब तक ये पृथ्वी हैं मेरा अस्तित्व रहेगा ही मुझे
इस्तेमाल किया ही जाएगा, छल कपट के लिए और मै
कई बार मरुँगा और पैदा हूँगा
सत्य =मेरा भी कुछ ऐसा हाल हैं मै भी जुल्म सहता आया हूँ मुझे पसंद करने वाले बहुत कम लोग हैं, सत्य
की जीत होती हैं ऐसा हमेशा नहीं होता निर्दोष को भी
यहाँ सजा हो जाती हैं और मै कुछ नहीं कर पाता
डर =ये भागम भाग का खेल कब तक चलता रहेगा मै
थक गया, डर ही डर गया सहम गया, क्या इंसान मुझे
मुक्ति नहीं दे सकते मुझे डर के साए से मुक्त करो कोई
सत्य =डर तुम ने पता नहीं कौन सा पाप किया कि इंसानों के बीच तुम पिस रहे हो, लोग झूठ बोलते हैं, जुल्म करते हैं और भी तुम्हारा जन्म होता हैं यानि डर का
डर हैं फिर गलत काम करते ही क्यो हैं समझ नहीं आता
डर =सच कहा दोस्त ये इंसान कभी नहीं बदलेगे और इस दुमिया मे मेरा अस्तित्व रहेगा खत्म नहीं होगा मेरा
कुछ नहीं हो सकता 😓

©Pooja Udeshi
  #Satya #Dar #Conversation
#POOJAUDESHI