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नयनों की नैया में मेरी बस गये हो मोरे सांवरिया अ

नयनों की नैया में मेरी 
बस गये हो मोरे सांवरिया
 अब कैसे करूँ श्रंगार पिया 
खुद सवरूँ या निहारूँ तोहे 
 जल में भी छवि तेरी नयन बसिया
 डर डर के खोलती हूँ नयनों को 
नयनों कि नगरी में मन बसिया 
कहीं भटक न जाऊँ प्रेम गलियों में 
कैसे समझाऊँ मन कि बतियां..... #नयनों में बसे हो कृष्ण कन्हैया #nojoto
नयनों की नैया में मेरी 
बस गये हो मोरे सांवरिया
 अब कैसे करूँ श्रंगार पिया 
खुद सवरूँ या निहारूँ तोहे 
 जल में भी छवि तेरी नयन बसिया
 डर डर के खोलती हूँ नयनों को 
नयनों कि नगरी में मन बसिया 
कहीं भटक न जाऊँ प्रेम गलियों में 
कैसे समझाऊँ मन कि बतियां..... #नयनों में बसे हो कृष्ण कन्हैया #nojoto

#नयनों में बसे हो कृष्ण कन्हैया #Nojoto