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चलो अब हट कर कुछ अलग करते है। दो बिछड़े हुए दिलों

चलो अब हट कर कुछ अलग करते है।
दो बिछड़े हुए दिलों की बात करते है।
आग उधर भी है इधर भी है ।
ये तनहाई की रात इधर भी है उधर भी है 
क्या है दिल मे, उनके दिल की बात करते है।
चलो आज ये नगमा आपके नाम करते हैं।

©Gauhar Ayub Etawi इटावा महोत्सव मे अपने साथियों शायरों के साथ ये शाम बज़्म के नाम।
चलो अब हट कर कुछ अलग करते है।
दो बिछड़े हुए दिलों की बात करते है।
आग उधर भी है इधर भी है ।
ये तनहाई की रात इधर भी है उधर भी है 
क्या है दिल मे, उनके दिल की बात करते है।
चलो आज ये नगमा आपके नाम करते हैं।

©Gauhar Ayub Etawi इटावा महोत्सव मे अपने साथियों शायरों के साथ ये शाम बज़्म के नाम।