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गलती उनसे एक ज़ोर हुई, एक धागे की अब दो डोर हुई, ब

गलती उनसे एक ज़ोर हुई,
एक धागे की अब दो डोर हुई,
बांधना मैंने चाहा बहुत पर,
कभी उनसे, कभी मुझसे,
कभी खुद से ही वो कमजोर हुई।
एक धागा था हमारे प्यार का,
जिसकी टुट के अब दो डोर हुई।
वो सिर्फ मेरी थी , फिर मेरी ही न रही,
न जाने खुदसे ही मेरे लिए वो कमजोर हुई,
एक धागे की अब दो डोर हुई।

©Aashish Verma #rekhta #Pain #unfaithful #understand #Love #seperation #Forgiveness #undestined_poet