किसी रोज़ छॉंव की तलाश में गाड़ी लेकर चलने वालों, पैदल का भी ध्यान रखो। शहर बनाने वालों थोड़ा, जंगल का भी ध्यान रखो। काट रहे हो पेड़ बराबर, ये तो हमने मान लिया। मर जाएँगे यार परिंदे, दुर्बल का भी ध्यान रखो। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) #कविता_संगम #AareyForest