एक सच हमारा झगड़ा किसी और का रूठना अपने आप से क्यूं? ऊंची आवाज़ में बोली खामोशी अपने अंदर क्यूं? नाराज़गी किसी और से कत्ल अपने ख्वाबों का क्यू? उकता तो नहीं अपने तुम ये नुकसान का सौदा करते सोचो क्यूं? थकते नहीं हम पर दिल थक जाते है क्यू? और ये थकान आराम से कभी सुकून नहीं मिलता क्यूं काम और कम है जिंदगी की जद्दोजहद में जरूरत और ज़रूरी ही होती हैं लड़ाई क्यूं? अगर सब प्रेम के भूखे है तो ये किया वो दिया का झगड़ा क्यूं? सच है या सच्ची कहानी इंसान इंसान से लड़ता क्यूं? उकता गए हो क्यूं जीना ज़रूरी है क्यूं #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi