अपनी पहचान स्वयं बनाना नयनभिराम हरियाली हाे,या हाे पहाड़ी दुर्गम हर हाल में अपनी जगह बनाना । परिवार का साथ हाे ,या हाे एकांन्तवास हर हाल में अधराें पर मुस्कान सजानां । ना पिता से मिला राज्य हाे,ना पति से मिला ताज हाे ताे भी अपना अस्तित्व बचाना । सुप्रभात। माफी चाहती हूँ दाेस्ताे🙏मैं पुरूषाें के खिलाफ नहीं हाेती,पर हर वक्त उनकी सहायता कि अपेक्षा रखना मुझे पंंसद नहीं।मुझे लगता है कि अब आर्थिक,और समाजिक रूप से सक्षम हाेने के साथ लड़कियाें काे शारीरिक रूप से भी सक्षम हाेने कि आवश्यरता है।क्याेकि चाहे काेई भी समय हाे उन्हे दाे माेर्चाें पर लड़ना हीं है....... दुर्गा ध्यान में आती हैं तो मन को ज्ञान से भर जाती हैं। #दुर्गा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi