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दंश (In Caption) Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नही

दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे पहले की बात बिगड़ जाए।"
  इंसान की फ़ितरत भी बहुत अजीब सी है, वह हर गलत काम करते हैं, लेकिन सब की नज़रों से छुप कर, वो अलग बात है कि दूसरों की ख़ामीयां छुपाना उतना ही मुश्किल है जितना बिना सांस के जीना। 
बहरहाल हमलोग मुद्दे पर आते हैं।
    अपने केबिन में बैठा मैं मिसेज़. अरोरा के बयान की रिकॉर्डिंग सुन रहा था, वो आगे बोलीं....

"मुझे प्रोफ़ेसर.बंसल ने जब ये बात बताई तो पहले तो मुझे बहुत डर लगा, कि अगर ये बात मेरे पति तक पहुंची, तो मेरा बसा - बसाया घर टूट जाएगा। इसलिए मैंने पंद्रह दिन तक अच्छी तरह से हर चीज़ पता करने के बाद मैं जॉन से मिली , वो ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग में 15 सालों से है, मुझे भी तनु को मरवाना नहीं था, लेकिन उसे हमेशा के लिए फ्रेम से हटाना था,  अनु को मैं हाथ इसलिए नहीं लगा सकती थी क्योंकि उसकी रिश्तेदारी कमिश्नर के साथ थी, पर उनके एक साथी के साथ अगर कुछ होता है तो यह उनपर लगाम लगा सकता है और हुआ भी ऐसा ही, शायद आपको प्रोफ़ेसर.बंसल ने यह नहीं बताया कि तनु के लापता होने के तीसरे दिन ही ओरिजनल विडियो भेज दी ।"
 
"अभी जॉन कहां है....?" यह पुलिस की आवाज़ थी
दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे पहले की बात बिगड़ जाए।"
  इंसान की फ़ितरत भी बहुत अजीब सी है, वह हर गलत काम करते हैं, लेकिन सब की नज़रों से छुप कर, वो अलग बात है कि दूसरों की ख़ामीयां छुपाना उतना ही मुश्किल है जितना बिना सांस के जीना। 
बहरहाल हमलोग मुद्दे पर आते हैं।
    अपने केबिन में बैठा मैं मिसेज़. अरोरा के बयान की रिकॉर्डिंग सुन रहा था, वो आगे बोलीं....

"मुझे प्रोफ़ेसर.बंसल ने जब ये बात बताई तो पहले तो मुझे बहुत डर लगा, कि अगर ये बात मेरे पति तक पहुंची, तो मेरा बसा - बसाया घर टूट जाएगा। इसलिए मैंने पंद्रह दिन तक अच्छी तरह से हर चीज़ पता करने के बाद मैं जॉन से मिली , वो ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग में 15 सालों से है, मुझे भी तनु को मरवाना नहीं था, लेकिन उसे हमेशा के लिए फ्रेम से हटाना था,  अनु को मैं हाथ इसलिए नहीं लगा सकती थी क्योंकि उसकी रिश्तेदारी कमिश्नर के साथ थी, पर उनके एक साथी के साथ अगर कुछ होता है तो यह उनपर लगाम लगा सकता है और हुआ भी ऐसा ही, शायद आपको प्रोफ़ेसर.बंसल ने यह नहीं बताया कि तनु के लापता होने के तीसरे दिन ही ओरिजनल विडियो भेज दी ।"
 
"अभी जॉन कहां है....?" यह पुलिस की आवाज़ थी
rabiyanizam6257

Rabiya Nizam

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