सूनो अब मैं रुठा नहीं टुट गया हूं। तुम्हारी चाहत की चाह में खुद से छुट गया हूं।। तुम्हारा आना चार दिन की चांदनी रात होती है। बाकी अंधेरी रातें काटना कहां मेरे बस की बात होती है।। ©Mr Abhiyanta #आना_जाना #findingyourself