सुबह तक कैसे गुजारी है यार अब पूछती है रात टूटे हुए सितारो का सबब पूछती है तु अगर छोड़ के जाने पे तुला हैं तो जा जान भी जिस्म से जाती है तो का पूछती है ©Zubair Alam Gorakhpur to Gorakhpur