दिखावे के झूठे मकान में रहता है, आदमी फिर भी गुमान में रहता है। कहीं और होता तो गर्दन कट गई होती, इक दरिंदा है जो हिंदुस्तान में रहता है। सांपों में भी अब मिलना मुमकिन नहीं, ज़हर जो आदमी की ज़ुबान में रहता है। पूछा परिवार तो बोला वो 'गोपाल' फाँसी का फंदा है गिरेबान में रहता है। कृष्ण गोपाल सोलंकी 8802585986 Good morng दोस्तों💐💐