पंख पसार कर उन्मुक्त गगन में हमारी भी आजाद परिंदों के जैसी उड़ने की चाहत है। आगे बढ़ने को जिंदगी में मजबूत हौसलों के संग आत्मविश्वास की राह की जरूरत है। जिंदगी के रथ को स्वाभिमान से सजाकर विश्वास के पहिए लगा चलाने की चाहत है। जीवन रथ को आगे बढ़ाने के लिए सच्चा प्रेम का सारथी हो, ऐसे प्रेमी की चाहत है। जिंदगी की कठिन राहों को कर्म, धैर्य, लगन और विश्वास से आसान बनाने की चाहत है। अपनी राहों के सारे अंधेरों को मिटा कर खुद को जलाकर उजाले करने की चाहत है। कब तक कैद रहें पिंजरें में जमाने के डर से, पिंजरों से बगावत करके उड़ने की चाहत है। अपने हौसलों से आगे बढ़कर दिखाना है हमें एक मुट्ठी आसमान को अपना बनाने चाहत है अपने सम्मान के लिए दुनियां से लड़ जाना है, अपनी हिफाजत खुद ही करने की चाहत है। यकीनन मुकम्मल होगी मेरे सपनों की राह आशाओं का दीप जला रखने की चाहत है। -"Ek Soch" 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 28 🎀 शीर्षक:- ""एक मुट्ठी आसमान"" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।