पर सपने है कई हज़ार ! कैसे जिए सपनों को; ज़िम्मेदारियों का है भार ! दिल की सुनो पुकार; या सपनों को करे साकार ! खुद की खुद ही ना माने; अब तो जीना है दुस्वर ! सपनो अब हो रहे बेकार, ज़िम्मेदारियों की सुने पुकार ! एक फूल और एक तितली की ज़िंदगी कितनी होती है, मगर देखिये कि वो अपने एक एक पल को भरपूर जीते हैं। और यही सीख हमें भी देते हैं। Collab करें YQ Didi के साथ। #जीवनकेदिनचार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi