में ज़िन्दगी को समजता ना था, तूने एक पल में समझा दिया। यहां कोई अपना नहीं होता है, तूने मुझे बता दिया।। मैं रोता था अकेले में, तूने सबके सामने रोना सीखा दिया। मै इंसान था, देख तूने मुझे किया बना दिया।। - --adeeb ahmad छोटी सी कविता