क्या है तुम्हारी औकात यहाँ पर, ए दिल मुझसे पूछता है ! उंगलियां उठाने वालों के बारे में भी, ए सब जानता है !! लोगों के आरोपों को झूठा साबित करते करते, थक गया है ए दिल ! अब तो आँसू भी गिरते हैं आँखों से, तो पानी समझकर पोछता है !!!! #Parikshit singh