की बोहोत कुछ कहीं कहकर और खोकर भी पा सा लिया और पाकर और न कहकर भी सब खो दिया। ऐ मेरी जाने ज़िन्दगी बोहोत कुछ सीखकर भी कुछ न सीखा और न सीखकर भी बोहोत कुछ सीखा। अब बता ऐ दिल के तूने क्या पाया न पाया, कहा न कहा और सीखा न सीखा, कुछ इस तरह गुज़रा ये 30 दिन कि ये लम्हा जैसे जी लिए हों अब 30 बरस इसमें, के सितंबर इस तरह गुज़रा... जैसे सितम ये **(बर्र बर्र) कर के *(बर) कर गया अब ये... सितंबर इस तरह गुज़रा। *बर = अभिलाषा, ** बर्र बर्र = भिड़ जाना बार बार सितंबर किस तरह गुज़रा?... #सितंबर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi