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अंधेरे में डर लगता है मुझे देश दुनिया की हालतों स

अंधेरे में  डर लगता है मुझे देश दुनिया की हालतों से 
रातें मिलती मुझे चीखती डराती कराहती मुझे सवालातो से 

हाँ मुझे अंधेरे से डर लगता है तेज रोशनी में मेरा रूह जलता है 

मुझे डर लगता है भाव की अभिव्यक्ति से 
कहीं जोड़ न दे कोई मेरे टूटे दिल को जोड़ जबरदस्ती से 

हाँ मुझे डर लगता है किसी के पास आने से 
हाँ मुझे डर लगता है किसी से दूर जाने से 

कई  बार आंखें मिला चुकी हूं 
मैं डर के आगे जा चुकी हूं 


शायद इसलिए 
इतना डर लगता है......

-   सलोनी कुमारी






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