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हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, हजार खवाहिश का

हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ 
तुम तो साथ नहीं हो मेरे राह ऐ मंजिल पे 
मगर भुला नहीं तेरे प्यार को 
हर कदम के साथ तेरी याद लिए चलता हूँ 

मैं कल भी अधूरा था आज भी अधूरा हूँ 
तेरी बेवफाई का दाग लिए चलता हूँ 
तेरे दिए जख्म ही साथ हैं बाकि 
हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ 
तुम तो निभा ना सके वादे अपनी 
मैं उन अधूरे वादो का सहारा लिए चलता हूँ 
मैं हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ हजार ख्वाहिशो का बोझ
#कविता
हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ 
तुम तो साथ नहीं हो मेरे राह ऐ मंजिल पे 
मगर भुला नहीं तेरे प्यार को 
हर कदम के साथ तेरी याद लिए चलता हूँ 

मैं कल भी अधूरा था आज भी अधूरा हूँ 
तेरी बेवफाई का दाग लिए चलता हूँ 
तेरे दिए जख्म ही साथ हैं बाकि 
हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ 
तुम तो निभा ना सके वादे अपनी 
मैं उन अधूरे वादो का सहारा लिए चलता हूँ 
मैं हजार खवाहिश का बोझ लिए चलता हूँ हजार ख्वाहिशो का बोझ
#कविता