धुआँ धुआँ सी कहीं हो न जाये ज़िन्दगी, राख में मिल कर सो ना जाए ज़िंदगी जलेगी कब तक यूं बेमुकाम सी क्यू मै तुझसे तू मुझसे जुदा हो ना जाए ज़िंदगी धुआं