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इन्तजार से पहले इन्तकाम आया, यक़ीनन मैं दोबारा लोट

इन्तजार से पहले इन्तकाम आया,
यक़ीनन मैं दोबारा लोट आऊँगा।।

जब तलक मुकाम हासिल नहीं मुझको,
तब तलक रास्तों पर चोट खाऊँगा।।

हौसला ,दिल और जहन का हिस्सा है,
भला कैसे गला खुद का ,घोट पाउँगा।

जिस कदर कर्ज हद पार कर रहा है,
क्या मैं भी,  ईमान में खोट लाऊँगा।।

जो एक अरसे से हर पल बरस रहे हैं,
आँसुओ की आँखों में ओट बनाऊँगा।।

जिंदगी मूंगफली की किम्मत पूछती है,
मैं बैठ कर अकेला ,अखरोट खाऊँगा।।

©Abhidev Arvind Semwal इन्तजार से पहले इन्तकाम आया,
यक़ीनन मैं दोबारा लोट आऊँगा।।

जब तलक मुकाम हासिल नहीं मुझको,
तब तलक रास्तों पर चोट खाऊँगा।।

हौसला ,दिल और जहन का हिस्सा है,
भला कैसे गला खुद का ,घोट पाउँगा।
इन्तजार से पहले इन्तकाम आया,
यक़ीनन मैं दोबारा लोट आऊँगा।।

जब तलक मुकाम हासिल नहीं मुझको,
तब तलक रास्तों पर चोट खाऊँगा।।

हौसला ,दिल और जहन का हिस्सा है,
भला कैसे गला खुद का ,घोट पाउँगा।

जिस कदर कर्ज हद पार कर रहा है,
क्या मैं भी,  ईमान में खोट लाऊँगा।।

जो एक अरसे से हर पल बरस रहे हैं,
आँसुओ की आँखों में ओट बनाऊँगा।।

जिंदगी मूंगफली की किम्मत पूछती है,
मैं बैठ कर अकेला ,अखरोट खाऊँगा।।

©Abhidev Arvind Semwal इन्तजार से पहले इन्तकाम आया,
यक़ीनन मैं दोबारा लोट आऊँगा।।

जब तलक मुकाम हासिल नहीं मुझको,
तब तलक रास्तों पर चोट खाऊँगा।।

हौसला ,दिल और जहन का हिस्सा है,
भला कैसे गला खुद का ,घोट पाउँगा।