राम जन्म उत्सव के अवसर पर आज के संदर्भ में एक प्रस्तुति जन्मदिन के अवसर पर, मैं क्या दूं तुमको उपहार, विपदा आन पड़ी ऐसी, ना आ सकी तुम्हारे द्वार, अब तुम भी आओ तारणहार, देखो आकर कैसा हो गया हमारा हाल, कैसे मानवता आज हुई है तार तार, तुम्हारी इस दुनिया में आज मचा यह कैसा हाहाकार,,,,,, अब तो आओ तारणहार, आकर मिटा दो इन सीमाओं की रेखाओं को दूर कर दो इन आपसी घृणा ओं को, कर दो सारे दुखों का संहार, अब तो आओ तारणहार, हार गई मानवता सत्य, अहिंसा ,प्यार उद्धार करो आकर प्रभु करो अपनी जन्मभूमि को कृतार्थ अब तो आओ तारणहार, विपदा घोर पड़ी क्यों हो रहा इतना अत्याचार,,,,,,, अब तो आ जाओ तारणहार, आकर बचा लो अपनी इस दुनिया को, जिसके हो तुम पालनहार,,,,,,,,,,,,। अब तो आओ तारणहार।। ।।,,सुधा मिश्रा,,।। #Ram_Navmi आओ तारणहार