छत्तीसगढ़ी गीत पहली बारिश ख़ुशबू भीनी भीनी पहली बारिश के बूंद म, महकावत धीरे धीरे मधुर तान छेड़े तन म, जागत हे अरमान सतरंगी सपना दिल म, भीग जाथे ये तन बारिश म मोहब्बत आंखी म ।। हर कतरा बारिश के बूंद म आवाज़ तोर सुनाथे, गरजथे जब बादल शोर ले धड़कन दिल के बढ़ जाथे, चलथे ये पुरवईया जब ख़ुशबू तोर सांसां म समा जाथे, बारिश के ये मौसम म सुरता तोर अड़बड़ याद आथे ।। ख़ुशबू भीनी भीनी पहली बारिश के बूंद म, महकावत धीरे धीरे मधुर तान छेड़े तन म, जागत हे अरमान सतरंगी सपना दिल म, भीग जाथे ये तन बारिश म मोहब्बत आंखी म ।। होवत हे मोला नशा जो कुछ तोर बात के हे, मदहोश करत हे कुछ नशा धीमी बरसात के हे, चलाके जादू जवां हुस्न के मोला पागल बनावत हे, छागे हे असर मोर दिल म तोर पहली मुलाकात के हे ।। ख़ुशबू भीनी भीनी पहली बारिश के बूंद म, महकावत धीरे धीरे मधुर तान छेड़े तन म, जागत हे अरमान सतरंगी सपना दिल म, भीग जाथे ये तन बारिश म मोहब्बत आंखी म ।। ख़ुशबू भीनी भीनी पहली बारिश के बूंद म #nature #love #poetry #jainesh_kumar #thoughts #yqquotes #myquote